लखनऊ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए “डिजिटल मीडिया नीति 2024” को मंजूरी दी है इस नीति के तहत, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकारी योजनाओं और उपलब्धियों का प्रचार करने वाले इंफ्लूएंसर्स को हर महीने 2 से 8 लाख रुपये तक का भुगतान किया जाएगा
इसके साथ ही, भ्रामक या आपत्तिजनक पोस्ट्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है ऐसे कंटेंट को पोस्ट करने वालों को तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है इस नीति का उद्देश्य प्रदेश में डिजिटल मीडिया का सकारात्मक उपयोग बढ़ाना और रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई. जिसमे “उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति 2024 (उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया पॉलिसी (2024) को मंजूरी दी गई। नई नीति का उद्देश्य सोशल मीडिया पर सरकार के कामकाज, उपलब्धियों और लाभकारी योजनाओं का प्रचार करना और भ्रामक खबर व आपत्तिजनक कंटेंट पर सख्ती से लगाम लगाना है. इसे लेकर प्रेस नॉट भी जारी किया गया है
जारी के प्रेस नोट के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में विकास की विभिन्न विकासपरक, जन कल्याणकारी, लाभकारी योजनाओं, उपलब्धियों की जानकारी एवं उससे होने वाले लाभ को प्रदेश की जनता तक डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म्स एवं इसी प्रकार के अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के माध्यम से पहुचाए जाने हेतु उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति, 2024 तैयार की गई है
सोशल मीडिया यूजर्स को मिलेगा विज्ञापन
डिजिटल प्लेटफार्म जैसे X (पूर्व में ट्विटर), फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं यूट्यूब पर भी प्रदेश सरकार की योजनाओं – उपलब्धियों पर आधारित कंटेंट, वीडियो, ट्विट, पोस्ट, रील्स को प्रदर्शित किये जाने के लिये इनसे सम्बन्धित एजेंसी/फर्म को सूचीबद्ध कर विज्ञापन देकर प्रोत्साहन दिया जायेगा। ऐसे में इससे प्रदेश के निवासी जो देश व विदेश के विभिन्न भागों में निवास कर रहे हैं, उनको रोजगार मिल सकेगा
2 – 8 लाख देगी सरकार
पॉलिसी के तहत विज्ञापन का लाभ लेने के लिए एजेंसी और फर्म को X, फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं यूट्यूब में से प्रत्येक को सब्सक्राइबर/फालोअर्स के आधार पर 4 श्रेणीयों में बांटा गया है। X, फेसबुक, इंस्टाग्राम के अकाउण्ट होल्डर, संचालक, इन्फ्लूएंसर्स को सब्सक्राइबर और फॉलोअर्स के आधार पर अधिकतम 5 लाख, 4 लाख, 3 लाख और 2 लाख रुपये प्रतिमाह दिया जायेगा। यूट्यूब पर वीडियो/शॉर्ट्स पॉडकास्ट के लिए प्रतिमाह 8 लाख रुपये 7 लाख रुपये 6 लाख रुपये और 4 लाख रुपये तय की गयी है
पॉलिसी का उल्लंघन करने पर हो सकती है सजा
दूसरी तरफ, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कंटेंट अपलोड किये जाने की स्थिति में सम्बन्धित एजेंसी फर्म के विरुद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाही की व्यवस्था की गयी है किसी भी स्थिति में कंटेंट अभद्र, अश्लील एवं राष्ट्र विरोधी नहीं होना चाहिये. पॉलिसी का उल्लंघन करने वालों को तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है