छुरिया- विकासखंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय से महज 500 मीटर की दूरी में शासकीय माध्यमिक शाला(इंग्लिश मीडियम) स्कूल छुरिया की हालत देखकर आप दंग रहे जायेंगे। हमारे संवाददाता ने जब स्कूल के सामने में देखा की स्कूल में छोटे छोटे बच्चे चपरासी का काम कर रहे है। बच्चे स्कूल में झाड़ू लगाते हुए नजर आए। बच्चों ने कहा कि रोज ही बच्चे स्कूल में झाड़ू और साफ सफाई करते हैं।
एक तरफ राज्य सरकार स्कूलों में शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं, और दूसरी ओर स्थिति कुछ इस तरह दिखाई दे रही है. करोड़ों रुपए सरकार शिक्षा के ऊपर खर्च सिर्फ कागजों में ही कर रही है. बाकी धरातल पर कुछ नजर नहीं आ रहा है। शासकीय माध्यमिक शाला(इंग्लिश मीडियम) स्कूल जो ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से महज 500 मीटर की दूरी पर है जहां स्कूल में एक चपरासी नहीं होने से बच्चों को इन सब समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
*बच्चे नहीं तो क्या हम लगाएंगे झाड़ू:शिक्षक*
लेकिन चपरासी के नहीं होने से बच्चों की क्या गलती. नन्हे मुन्ने बच्चे स्कूल की साफ सफाई करते झाड़ू लगाते हैं. स्कूल के शिक्षक ने कहा कि बच्चे झाड़ू नहीं लगाएंगे तो क्या हम झाड़ू लगाएंगे।
खास बात यह है कि ब्लॉक मुख्यालय में होने के बावजूद भी स्कूलों की हालत ऐसी है। यह सोचने वाली बात है। और तो और स्कूल के शिक्षकों को भी किसी का डर नहीं है मानों जिसके चलते ही नियम कानून को दरकिनार कर बच्चों से झाडू लगवाते नजर आये।
वहीं शिक्षक ने बताया चपरासी को लेकर अपने अधिकारियों तक बात रखी गई है किन्तु सात से आठ साल बीतने को है चपरासी की व्यवस्था विभाग व्दारा नहीं कि ऐसे में प्रश्न चिन्ह लगना लाजमी है कि क्या हर वर्ष नव सत्र में आने वाले बच्चों को इस स्कूल झाड़ू में लगाने मजबूर होना पड़ता है क्या यही शिक्षा का अधिकार है?
बहरहाल अब देखना होगा इसपर अधिकारी कितने गंभीरता से इस मामले को लेकर बच्चों के हाथों से झाडू छुड़वाकर शिक्षा दिलाने में सहायक होते हैं। व ऐसे शिक्षक पर किस तरह की कार्यवाही की जाती है यह देखने वाली बात होगी।
जानकारी मिली है जांच करवाई जायेगी
प्रशांत चितवर्कर(विकासखंड शिक्षा अधिकारी,छुरिया)