कोरबा – ज्योति भूषण प्रताप सिंह विधि महाविद्यालय में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी द्वारा संचालित इस कार्यशाला में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें छात्रों और अन्य उपस्थित लोगों को इस कानून के 66 धाराओं और 4 अनुसूचियों के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया।
कार्यशाला का उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण में कानून की भूमिका को समझाना था। इसमें चर्चा की गई कि किस प्रकार सही कानून का पालन करके वन्यजीव अपराधों को रोका जा सकता है और वन्यजीव को न्याय दिलाया जा सकता है। टीम ने यह भी बताया कि वन्यजीव संरक्षण केवल संगठनों या सरकार तक सिमित नहीं है, बल्कि हम सभी की भागीदारी से ही वन्यजीवों की रक्षा संभव हो सकती है।
इसके अतिरिक्त, सर्पदंश जैसे संकटों से निपटने के तरीकों पर भी विशेष जानकारी दी गई। उपस्थित लोगों को आपात स्थिति में सही कदम उठाने के महत्व को समझाया गया ताकि सर्पदंश की घटनाओं में जीवन रक्षा की संभावना बढ़ सके।
नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी की टीम जिले में निरंतर जन-जागरूकता के माध्यम से वन्यजीव संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। इस ऐतिहासिक कॉलेज में आयोजित कार्यशाला वन्यजीव अपराधों के खिलाफ एक संगठित और प्रभावशाली कदम है, जो न केवल कानून की शक्ति को सामने लाता है, बल्कि युवाओं और समुदाय को प्रेरित करता है कि वे वन्यजीवों के संरक्षण में अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
इस कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. किरण चौहान, नोवा नेचर अध्यक्ष एम सूरज, जितेंद्र सारथी, मयंक बागची, सिद्धांत जैन,सहा प्राध्यापक महिपाल कहरा, रश्मि सिंह,भारती अहिरवार, सालिकराम, नवनीश रजक, सतेंद्र निर्मलकर और बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित थे।