कबीरधाम – छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय रायपुर के नाम से कूटरचित फर्जी आदेश पत्र के आधार पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी का पद हासिल करने के प्रयास करते आरोपी को सिटी कोतवाली पुलिस ने विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया , जहां से उसे न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेज दिया गया।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुये उप पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार चंद्राकर ने अरविन्द तिवारी को बताया कि मामला 19 सितंबर 2024 का है , जब दयाल सिंह ने छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय रायपुर के नाम से एक कूटरचित आदेश पत्र तैयार किया। इस पत्र में आरोपी ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) बोड़ला के पद पर नियुक्त किये जाने का उल्लेख किया था। आरोपी ने यह फर्जी आदेश पत्र जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) योगदास साहू के समक्ष प्रस्तुत किया , जिसके आधार पर डीईओ ने आदेश जारी कर दिया। हालांकि बाद में इस आदेश पत्र के पूरी तरह से फर्जी होने का मामला सामने आने के बाद डीईओ योगदास साहू ने आदेश को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया और संबंधित मामले की रिपोर्ट थाना कोतवाली में दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया कि आरोपी ने शासन और विभाग को धोखा देने के लिये कूटरचित दस्तावेज का इस्तेमाल किया था। कबीरधाम पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह (आईपीएस) ने इस गंभीर मामले में त्वरित कार्रवाही के लिये अपनी टीम को निर्देशित किया। एसपी के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज पटेल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल की निगरानी में पुलिस टीम ने तेजी से मामले की जांच की। एसडीओपी प्रतीक चतुर्वेदी और कोतवाली थाना प्रभारी उप निरीक्षक शांता लकड़ा की टीम ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिये आवश्यक कानूनी कदम उठाते हुये आरोपी दयाल सिंह को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुये आरोपी के खिलाफ थाना कोतवाली कवर्धा में अपराध क्रमांक 720/2024 धारा 336(3) , 338 , 340(2) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर कार्यवाही की। पुलिस की जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि आरोपी ने प्रशासनिक सिस्टम को धोखा देने के लिये फर्जी दस्तावेज तैयार किये थे , जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई थी। पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने मामले की प्रभावी जांच के लिये अपनी पूरी टीम की सराहना करते हुये कहा कि पुलिस विभाग इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई करेगा ताकि सार्वजनिक संस्थानों में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की कोई गुंजाइश ना रहे।