बरपाली के बाद करतला पंचायत में भी डीएमएफ मद की राशि गबन करने का मामला, वसूली में प्रशासन सुस्त
बरपाली के बाद करतला पंचायत में भी डी एम एफ मद की राशि को गबन करने का मामला, वसूली में प्रशासन सुस्त
करतला- कोरबा जिले के अधिकांश पंचायतों में शासकीय निर्माण कार्य की स्वीकृति के बाद प्रथम एवं द्वितीय किश्त की राशि आहरण कर संबंधित सरपंच/सचिव के द्वारा शुरु नहीं कराया गया। जिससे शासकीय धन का दुरूपयोग होने के साथ-साथ आम जनता को शासन की मंशा अनुरूप मिलने वाली सुविधाओं का लाभ भी प्राप्त नहीं हो रहा है।
बरपाली पंचायत के बाद ऐसा ही एक मामला करतला पंचायत में भी देखने को मिला। करतला जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत करतला के सरपंच व सचिव को चार लाख रुपए की वसूली का नोटिस 2023 में जारी किया गया था। जिला खनिज न्यास मद से वर्ष 2020-21 में मयाराम के खेत से बांसाखर्रा मार्ग पर 10 लाख रुपए की लागत से पुलिया निर्माण की स्वीकृति हुई थी। स्वीकृति के आधार पर उप यंत्री द्वारा 23 दिसंबर 2020 को ले-आऊट देने उपरांत जनपद कार्यालय द्वारा 4 लाख रुपए किश्त की राशि 30 दिसंबर 2020 को चेक के माध्यम से भुगतान किया गया। उपअभियंता की टीप के अनुसार 6 अप्रैल 2023 की स्थिति में भी कार्य बंद पाया गया और आज पर्यंत यहां कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है।
जनपद सीईओ द्वारा सरपंच, सचिव को अंतिम नोटिस वर्ष-2023 में जारी की गई लेकिन इसके बाद भी न तो निर्माण कार्य प्रारंभ कराया गया और न ही 4 लाख रुपए का भुगतान लौटाया गया है।बरपाली के बाद करतला पंचायत में भी डी एम एफ मद की राशि को गबन करने का मामला, वसूली में प्रशासन सुस्त करतला- कोरबा जिले के अधिकांश पंचायतों में शासकीय निर्माण कार्य की स्वीकृति के बाद प्रथम एवं द्वितीय किश्त की राशि आहरण कर संबंधित सरपंच/सचिव के द्वारा शुरु नहीं कराया गया। जिससे शासकीय धन का दुरूपयोग होने के साथ-साथ आम जनता को शासन की मंशा अनुरूप मिलने वाली सुविधाओं का लाभ भी प्राप्त नहीं हो रहा है। बरपाली पंचायत के बाद ऐसा ही एक मामला करतला पंचायत में भी देखने को मिला। करतला जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत करतला के सरपंच व सचिव को चार लाख रुपए की वसूली का नोटिस 2023 में जारी किया गया था। जिला खनिज न्यास मद से वर्ष 2020-21 में मयाराम के खेत से बांसाखर्रा मार्ग पर 10 लाख रुपए की लागत से पुलिया निर्माण की स्वीकृति हुई थी। स्वीकृति के आधार पर उप यंत्री द्वारा 23 दिसंबर 2020 को ले-आऊट देने उपरांत जनपद कार्यालय द्वारा 4 लाख रुपए किश्त की राशि 30 दिसंबर 2020 को चेक के माध्यम से भुगतान किया गया। उपअभियंता की टीप के अनुसार 6 अप्रैल 2023 की स्थिति में भी कार्य बंद पाया गया और आज पर्यंत यहां कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। जनपद सीईओ द्वारा सरपंच, सचिव को अंतिम नोटिस वर्ष-2023 में जारी की गई लेकिन इसके बाद भी न तो निर्माण कार्य प्रारंभ कराया गया और न ही 4 लाख रुपए का भुगतान लौटाया गया है।