प्रज्ञा संजीवनी में आयुर्वेद पद्धति से गंभीर बीमारियों का ईलाज संभव : परिजन के सहारे आने वाला लकवाग्रस्त बहोरिक अपने पैरों पर चलकर गया घर*
कोरबा/पाली:-* कहते हैं कि डॉक्टर अथवा वैद्य भगवान का रूप होते हैं, जो लोगों को बीमारियों से मुक्ति दिलाते हैं। जिले के पाली नगर, नया बस स्टैंड में संचालित आयुर्वेद औषधालय प्रज्ञा संजीवनी में भी आयुष से प्रशिक्षित एक ऐसे वैद्य हैं जिनके देशी उपचार से गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग स्वस्थ होकर जाते है। वैद्य रामफल पटेल द्वारा आयुर्वेदिक की कई दिव्य औषधियों से कैंसर, लकवा, साइटिका, वात रोग, टीवी सहित महिला, पुरुष से संबंधित सभी बीमारियों का इलाज किया जाता है और पीड़ितों को रोगों से मुक्ति मिलती है। प्रज्ञा संजीवनी में उपचार के लिए काफी दूर- दूर से लोग आते हैं। ऐसे ही पाली विकासखण्ड के ग्राम डोंगानाला निवासी बहोरिक पटेल को एक माह पूर्व लकवा का अटैक आया। जिससे उसका चलना- फिरना बंद हो गया। खाट पर पड़े बहोरिक को परिजन शहर के कई निजी अस्पताल लेकर गए। जहां काफी खर्च भी हुआ, किन्तु एलोपैथिक उपचार से पीड़ित को राहत नही मिला। एक सप्ताह पूर्व परिजन बहोरिक को लेकर प्रज्ञा संजीवनी औषधालय पहुँचे, जहां वैद्य रामफल नाड़ी देखकर लकवे का इलाज प्रारंभ किया और महज चार से पांच दिन चले आयुर्वेदिक उपचार से बहोरिक सायकल चलाने लगा है। लकवा के कारण जहां उसके हाथ- पैर काम करना बंद कर गए थे, वह अब बिल्कुल ठीक हो गए है तथा एक साइड में मुड़े चेहरे का आकार भी सामान्य हो गया है। जड़ी- बूटी उपचार को लेकर वैद्य रामफल का कहना है कि आयुर्वेद रोग के कारण को समझकर बीमारी को जड़ से खत्म करने में सक्षम होता है। आयुर्वेद चिकित्सा सिर्फ बीमारियों को ठीक नही करती बल्कि यह मनुष्य को जीवन जीने की कला भी सिखाती है। ऋषि मुनियों के समय से चलती आ रही आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति ने कई असाध्य और बड़ी- बड़ी बीमारियों का अच्छी तरह से उपचार किया है। उन्होंने बताया कि हर साल 50 से अधिक लकवा मरीज उनके पास आते है। आयुर्वेद उपचार से जिन्हें काफी फायदा मिला है। इस बीमारी में पुरुषों की संख्या ज्यादा है। वहीं अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग भी प्रज्ञा संजीवनी से स्वास्थ्य लाभ लेकर जाते है। उनके यहां आयुर्वेद दवा लेने के लिए काफी दूर- दूर से लोग आते हैं। परंपरागत वैद्य रामफल आयुर्वेद से डिग्री हासिल किए हुए है और काफी औषधीय प्रैक्टिस की है तथा वे पिछले 20 सालों से आयुर्वेद तरीके से मरीजों का इलाज कर रहे हैं। उनका दावा है कि उनके यहां आने वाले जटिल बीमारी से ग्रस्त मरीज आयुर्वेदिक दवा से ठीक होकर गए हैं।