*जिला प्रशासन द्वारा रोका गया बाल विवाह…*
जांजगीर-चांपा महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से 25 एवं 26 फरवरी को दो नाबालिग कन्या का विवाह से रोका गया। बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते ही कलेक्टर श्री आकाश छिकारा के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास श्रीमती अनिता अग्रवाल, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री सूर्यकांत गुप्ता एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह जायसवाल के नेतृत्व में टीम तैयार कर एवं पुलिस विभाग के सहयोग से ग्राम अकलतरी एवं ग्राम मेंहदी में बाल विवाह की सूचना प्राप्त होते ही सूचना स्थल पर जाकर पतासाजी की गई।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी जिला बाल संरक्षण ईकाई महिला एवं बाल विकास ने बताया कि ग्राम अकलतरी में बालिका की अंकसूची की जांच की गई, बालिका का उम्र 17 वर्ष 02 माह होना पाया गया। जिसका विवाह सुमा भाटापारा जिला बलौदाबाजार निवासी लड़के के साथ 28 फरवरी 2024 को निर्धारित था। उम्र सत्यापन पश्चात् परिवार को समझाईश देकर बाल विवाह रोका गया। इसी प्रकार ग्राम मेंहदी में बाल विवाह की सूचना प्राप्त होते ही निवास स्थान पर जाकर बालिका की अंकसूची की जांच की गयी। आयु सत्यापन पश्चात बालिका की आयु 17 वर्ष 05 माह 07 दिन होना पाया गया। बालिका का विवाह 26 फरवरी 2024 को होना तय था जिसे परिवार जनो को समझाईस देकर बाल विवाह रोका गया। कार्यवाही में परियोजना अधिकारी नवागढ श्री पंकज शुक्ला, जिला बाल संरक्षण इकाई से श्री पुष्पेन्द्र मरकाम सामाजिक कार्यकर्ता चाइल्ड लाइन से श्री निर्भय सिंह, श्री जोहित कुमार कश्यप, श्री भुपेश कश्यप श्रीमती विजय लक्ष्मी माथूर एवं श्रीमती अनुपमा अग्रवाल पर्यवेक्षक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोटवार पुनेश्वर दास एवं पुलिस विभाग से श्रीमती नीणमणि कुसुम ए.एस.आई का विशेष सहयोग रहा।
ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, 21 वर्ष से कम आयु के लड़के और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की के विवाह को प्रतिबंधित करता है। यदि कोई व्यक्ति 21 वर्ष से कम आयु का लड़के और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की का बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा उसमें सहायता करता है तथा बाल विवाह को बढ़ावा देता है अथवा उसकी अनुमति देता है, बाल विवाह में सम्मिलित होता है को 2 वर्ष तक के कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रुपए तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।