छुरिया:छुरिया क्षेत्र में इन दिनों अचानक से शराब की बिक्री बढ़ सी गई है अत्यधिक मात्रा में शराब बिकने का एकमात्र कारण है इन दिनों शराब तस्कारों की बाढ़ सी आ गई है। छुरिया शासकीय मदिरा दुकान से शराब अत्यधिक मात्रा में बिक्री हो रही है। सरकार ने एक व्यक्ति को 4 पाव शराब देने का नियम बना रखा है किन्तु शराब कोचियों ने इस नियम को ताक पर रख कर जितनी शराब चाहिये मिलेगी जैसा नया नियम बना रखा है। और बकायदा शराब व्यक्ति के स्थान तक पहुंचाकर दी जाती है।
मामला क्या है
छुरिया क्षेत्र कम से कम 10-20 शराब कोचिये सक्रिय है जो चुपचाप शराब खरीदी करके उसे नियत स्थानों तक पहुंचाने में अपना पूरा समय लगाते हैं। दिन भर शराब निकासी का काम चलता है और रात को शराब उचित जगहों पर पहुंचा दी जाती है। इस काम के लिये शराब कोचियों के पास पूरी टीम है जो इस काम में पूरी तरह से प्रशिक्षित है और अपने काम को बखूबी करना जानती है। शराब दुकान के खिड़की से भले ही एक बार में 4 शीशी शराब मिले पर उसे किसी सुरक्षित स्थान पर एकत्र करके जितनी आवश्यकता होती है उतनी मात्रा में एकत्र कर लिया जाता है।
सिस्टम क्या है
इन शराब कोचियों की पूरी सांठ गांठ शराब दुकान के मैनेजर के साथ रहती है। पूरा हिसाब किताब मैनेजर और शराब कोचिया के पास रहता है। कितना माल उठा है उस हिसाब से मैनेजर को उसका कमीशन प्रति पेटी माल के हिसाब से समय पर मिल जाता है। जानकारों का तो यह भी कहना है कि पूरा सिस्टम ही इस शराब की अवैध बिक्री में शामिल है। पूरी सहायता मिलती है जिससे इस शराब के काम में कोई परेशानी ना हो। पुलिस विभाग और आबकारी विभाग इन सभी खतरों से निपटने का बस एक ही सिस्टम है उनका ‘‘यथोचित सम्मान’’ यह ‘‘सम्मान’’ देने के बाद ही कोई भी व्यक्ति शराब का अवैध काम कर सकता है। और एक सफल कोचिया बन सकता है।
कहां पहुंचती है शराब
इन शराब कोचियों की पूरी टीम शराब दुकान से ग्राहकों द्वारा चाही गई मात्रा में शराब निकाल कर उसे किसी भी तरह से दो चक्का या चार चक्का वाहन में भरकर उसे नेशनल हाईवे के ढ़ाबों, होटलों, और रेस्टोरेंटो में पहुंचाकर देेते हैं। इन दुकानदारों से बकायदा कमीशन लेकर ही माल पहुंचाने की व्यवस्था होती है और इस काम को कोई भी कोचिया उधारी में नहीं करता है सभी बिक्री नगद ही की जाती है। क्योंकि उधारी में बहुत जोखिम हो सकता है।
कहां की शराब मिलती है
इन शराब कोचियों के पास सिर्फ छत्तीसगढ़ में निर्मित शराब ही मिल पाती है क्योंकि मध्यप्रदेश की शराब की अवैध बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है क्योंकि उसमें ज्यादा जोखिम होता है। इस लिये सिफ छत्तीसगढ़ में बिकने वाली शराब ही मुख्य रूप से मिलती है।
क्यों खरीदते है शराब होटल और ढ़ाबे वाले
इन शराब कोचियों के पास से होटल और ढ़ाबे वाले आखिर शराब क्यों खरीदते है तो इसका कारण है कि इन होटल और ढ़ाबे वालों को अधिक मात्रा में शराब ही आवश्यकता होती है क्योंकि नेशनल हाईवे में ट्रक मोटर वालों को प्रतिदिन शराब का सेवन करना होता है उनके लिये ये होटल और ढ़ाबे वाले अत्यधिक मात्रा में शराब एकत्र करके रखते हैं और रोज उनकी खपत अधिक मात्रा में होती है इस लिये प्रतिदिन माल खरीदा जाता है।
शराब कोचियों को क्या फायदा
शराब कोचियों को इस प्रतिदिन कमीशन के रूप में बहुत अधिक कमाई हो जाती है। प्रतिदिन 3 हजार से 6 हजार भी हो सकती है कमाई क्योंकि जितना काम उतना पैसा इसलिये इस काम में ज्यादा लोग शामिल हो रहे हैं काम कम फायदा ज्यादा ले रहे हैं।
सरकार से निवेदन
आम आदमी और परिवार वाले सरकार से निवेदन करते हैं कि इस तरह से क्षेत्र में चल रहे अवैध शराब के कारोबार पर लगाम कसे और समाज को नशा मुक्त करने के अभियान में कुछ सहयोग प्रदान करे। जिससे नशा के कारण बिगड़ने वाले घर परिवार को फिर से सुधारा और बचाय जा सके। जहां सरकार एक ओर नशा मुक्ति कार्यक्रम भी चलाती है और दूसरी ओर अवैघ शराब के कारोबार पर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है जिससे आम नागरिकों की हालत बहुत खराब हो रही है परिवार बिगड़ रहे हैं। महिलाओं का घर में जीना मुश्किल हो रहा है।