ग्रेजुएट छात्रों से करवाया जा रहा परीक्षा ड्यूटी।विश्वविद्यालय भी ऐसे गंभीर मामले में मौन।
शासकीय महाविद्यालय बरपाली में मुख्य परीक्षा में विश्वविद्यालय के नियमों को ताक में रखकर पर्यवेक्षक बनाये जा रहे हैं। जिसमें स्नातक के छात्रों से परीक्षा ड्यूटी कराने का मामला देखने को मिल रहा है।महाविद्यालय के द्वारा स्नातक व स्नातकोत्तर के मुख्य परीक्षा में स्नातक डिग्रीधारी विद्यार्थियों से ही परीक्षा ड्यूटी करवाया जा रहा है और ऐसा पिछले कई सालों से चल रहा है। जिसकी भनक अभी तक विश्वविद्यालय को नहीं लगी या ये कहा जाए कि सब कुछ पता होते हुए भी विश्वविद्यालय द्वारा कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया।जैसा कि सामान्यतः विश्वविद्यालय के परीक्षा संबंधी सर्कुलर के तहत सभी संबंधित महाविद्यालय अपने अपने परीक्षा केन्द्रों में मुख्य परीक्षा का संचालन करवाते हैं और इसी सर्कुलर के हिसाब से परीक्षा में पर्यवेक्षक व अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है लेकिन बरपाली का शासकीय महाविद्यालय अपने अलग ही नियमों से परीक्षा करवाने में लगा है।शासकीय व निजी संस्थाओं से ले सकते हैं पर्यवेक्षकविश्वविद्यालय के सर्कुलर के अनुसार अगर महाविद्यालय में परीक्षा ड्यूटी के लिए पर्यवेक्षक की कमी है तो महाविद्यालय अन्य शासकीय व निजी विद्यालयों से पर्यवेक्षक की मांग कर परीक्षा सम्पन्न करा सकते हैं। विशेष परिस्थिति में स्नातकोत्तर छात्र कर सकते हैं परीक्षा ड्यूटीबरपाली कॉलेज में मुख्य परीक्षा में कई ऐसे छात्रों की परीक्षा ड्यूटी लगाई गई जिनके पास स्नातक की तो डिग्री है किंतु वे स्नातकोत्तर डिग्रीधारी नहीं हैं। विश्वविद्यालय से इस विषय पर पता करने पर बताया गया कि विश्विद्यालय के सर्कुलर के अनुसार कॉलेज के किसी भी परीक्षा में ड्यूटी करने के लिए कॉलेज के स्टाफ, अन्य शासकीय विद्यालय या निजी विद्यालय के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है और जरूरत पड़ने पर विशेष परिस्थिति में छात्र जो स्नातकोत्तर के डिग्रीधारी हैं उनकी ड्यूटी लगाने की अनुमति होती हैं लेकिन स्नातक के छात्रों को परीक्षा में ड्यूटी करने अनुमति नहीं है। परीक्षार्थी से ही करा दिया गया परीक्षा ड्यूटीसूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बरपाली के शासकीय महाविद्यालय में यह सिलसिला कई वर्षों से चल रहा है। लेकिन हद तो तब हो गई जब पिछले वर्ष के मुख्य परीक्षा में सुबह के पाली में परीक्षा देने वाले परीक्षार्थी को शाम की पाली में पर्यवेक्षक बना दिया गया। इससे महाविद्यालय की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह उठता है कि क्या बरपाली कॉलेज में परीक्षा निष्पक्ष सम्पन्न कराया जा रहा है?अब यह देखना है कि उच्च शिक्षा संस्थानों में अगर इस तरह के अनियमितता कई वर्षों से बरती जा रही है तब विश्विद्यालय द्वारा इस पर जिम्मेदारों पर किस स्तर पर कार्यवाही किया जाता है।