अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस में 51 मितानिनों का सम्मान एवं कवयित्री सम्मेलन हुआ सम्पन्न
छत्तीसगढ़ खरसिया :– की सुप्रसिद्ध सक्रिय साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक संगठन काव्य कलश कला एवं साहित्य मंच खरसिया (महिला प्रकोष्ठ काव्य कलश) जिला रायगढ़ (छ.ग) के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के सुअवसर पर मातृशक्ति सम्मान समारोह एवं कवयित्री सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विगत वर्ष के भांति इस वर्ष भी ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की प्रारंभिक एवम् मुख्य धुरी 51 मातृशक्तियों (स्वास्थ्य मितानिनों) का सम्मान किया गया। साथ ही शानदार कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया।
गायत्री मंदिर परिसर खरसिया में आयोजित कार्यक्रम में मॉं गायत्री की वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। तत्पश्चात आमंत्रित अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ बृजभूषण द्विवेदी (संचालक, जगरानी देवी महाविद्यालय बाराद्वार) थे। मंच पर मंचस्थ रहे वरिष्ठ साहित्यकार मनमोहन सिंह ठाकुर, संस्थापक पुरूषोत्तम गुप्ता, पत्रकार जयप्रकाश डनसेना, स्वास्थ्य नितानीन जिला समन्वयक उभा भारती राठौर, स्वास्थ्य मितानीन हेमलता गुप्ता, समाजसेवक राकेश अग्रवाल गायत्री एवं कवि सावन गुजराल की गरिमामय उपस्थिति रही जिन्होंने कार्यक्रम में अपने विचार रखें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अनामिका संजय अग्रवाल (अध्यक्ष, महिला प्रकोष्ठ काव्य कलश मंच खरसिया छ.ग) द्वारा की गई।
कार्यक्रम का सफल संचालन मंच के उपाध्यक्ष राकेश नारायण बंजारे द्वारा किया गया।
सम्मान के साथ ही विराट कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमॆं सर्वसम्माननीया रुक्मिणी सिंह राजपूत ‘मणि’, गीता उपाध्याय ‘मंजरी’, साधना मिश्रा,आशा मेहर ‘किरण’, धनेश्वरी देवांगन ‘धरा’, सुधा देवांगन ‘सुचि’,रश्मि मंजुला पंडा, पूर्णिमा चौधरी ‘पिकीं’, आरती मेहर ‘रति’ व तिलोत्तमा पाण्डेय ‘ममता’ सादर आमंत्रित रही। सुप्रसिद्ध कवयित्रियों द्वारा मातृशक्तियों के सम्मान में एक से बढ़कर एक ऱचनाओं का पाठ किया गया। कवयित्री सम्मेलन का शानदार व सफल संचालन मंच की अध्यक्ष प्रियंका गुप्ता ‘प्रिया’ द्वारा किया गया।
आभार प्रदर्शन काव्य कलश कला एवं साहित्य मंच के संस्थापक पुरूषोत्तम गुप्ता द्वारा किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सचिव महेंद्र कुमार राठौर, गोष्ठी प्रभारी लखन राठौर ‘कौशल ‘, कामिनी प्रधान, तन्मय चक्रवर्ती, सीता राम पटेल(पुरोहित गायत्री मंदिर खरसिया)आदि का विशेष सहयोग रहा।