भारतीय संस्कृति व इतिहास में अहिल्याबाई होल्कर का स्थान गौरवपूर्ण व अद्वितीय है – जनार्दन श्रीवास
भारतीय संस्कृति व इतिहास में अहिल्याबाई होल्कर का स्थान गौरवपूर्ण व अद्वितीय है – जनार्दन श्रीवास
मरवाही विकासखंड के उन्नत ग्राम डोगरिया की पुण्य भूमि पर स्थित ,,एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय,, में दिनांक 9 जनवरी 2025 को 400 छात्र-छात्राओं के मध्य पुण्य श्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का त्रिशताब्दी जन्म समारोह पूरे उत्साह के साथ मनाया गया ।यह आयोजन लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर त्रिशताब्दी समारोह जिला जीपीएम की समिति के द्वारा विद्यालय के सहयोग से एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास गोपेश मनहर ,व जिला शिक्षा अधिकारी के कुशल मार्गदर्शन में मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्या की देवी सरस्वती व पुण्य श्लोका लोकमाता अहिल्यादेवी के पूजन व दीप प्रज्वलन के साथ प्रारंभ हुआ।इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता,, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,, के जिला संयोजक मथुरा सोनी ,कार्यक्रम के जिला अध्यक्ष व विशिष्ट अतिथि जनार्दन श्रीवास, कार्यक्रम के अध्यक्ष विद्यालय के प्राचार्य उच्च शिक्षाविद राजीव कुमार पांडे का शशांक शिंदे व संपत सिंह पुत्तम का पुष्पगुच्छ भेंट कर विद्यालय परिवार ने स्वागत किया। तत्पश्चात छात्र सर्व कुमार के द्वारा लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर पर उद्बोधन दिया गया ,एवं कुमारी भूमिका के द्वारा एकल गायन प्रस्तुत किया गया। उसी कड़ी में विद्यालय की छात्राओं के द्वारा एक सामूहिक नृत्य की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी गई । इसके बाद जनार्दन श्रीवास ने प्रदेश में मनाए जा रहे त्रिशताब्दी समारोह के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई गई।और विद्यालय परिवार का आभार भी जताया गया। इसके बाद प्राचार्य व कार्यक्रम के अध्यक्ष राजीव कुमार पांडे ने शिक्षा के क्षेत्र में महापुरुषों के योगदान को और उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यो को बताए जाने पर गर्व का एहसास करते हुए लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर के संपूर्ण जीवन काल को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश की युवा पीढ़ी और छात्र जगत के लिए महापुरुषों के प्रसंग समय-समय पर विद्यालय प्रांगण में बताए जाने चाहिए ,इससे विद्यार्थियों के जीवन में बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है ,और आगे बढ़ाने की प्रेरणा जागृत होती है ।तत्पश्चात मुख्य वक्ता मथुरा सोनी ने पुण्य स्लोका लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर के बारे में जीवन परिचय के साथ चौड़ी गांव में जन्म के बाद से लेकर महेश्वर तक की यात्रा के बीच उनके द्वारा किए गए कृतित्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि भारत की नारी व माताएं अद्वितीय है। कहा गया है ,माता निर्माता भवति,भारतीय संस्कृति में संस्कार निर्माण और मानव निर्माण में माताओं का अदभुत योगदान है। उसी की प्रेरणा स्वरूप एक आदर्श नारी के रूप में पुण्य श्लोका अहिल्यादेवी होलकर ने विषम परिस्थितियों से लोहा लेकर एक कुशल शासिका के रूप में मालवा क्षेत्र में देवी के रूप में पूजी जाती है ।उनके द्वारा धर्म आध्यात्मिक के क्षेत्र में, मानव कल्याण के क्षेत्र में, कृषक कल्याण व ग्राम विकास के क्षेत्र में ,उत्तर से दक्षिण तक और पूर्व से पश्चिम तक सभी तीर्थ में बहुत से निर्माण कार्य कराए गए ।ध्वस मंदिरों का निर्माण कराया गया, तीर्थ स्थलों में तीर्थ यात्रियों की लिए धर्मशालाओं का निर्माण ,स्वास्थ्य के क्षेत्र में चिकित्सालय का निर्माण ,करा कर उन्होंने लोक कल्याण के बहुत सारे कार्यों को करवाया। ऐसी अद्वितीय पुण्य श्लोक लोकमाता को हम सब भारतवासी नमन करते हैं और उनके बताए गए रास्ते पर चलने का प्रयास करते हैं ।कार्यक्रम का संचालन बहुत ही उत्कृष्ट ढंग से विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती शिल्पी गुप्ता व शिक्षक अनिल कुमार के द्वारा किया गया। अंत में विद्यालय की उप प्राचार्य ने आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से नीतू सिंह, राजीव पुसओला,अभिषेक वर्मा, लक्ष्मण तिवारी, अनु जी, राजेश कुमार, जोर मल योगी ,,प्रवीण कुमार, मोनिका जी मोहिनी ज शरीफ अहमद ,मोहम्मद शाहिद इस्लाम, हर्षित गोयल, रितु, प्रियंका ,रविकांत ,कुसुम ,मिर्जा गुप्ता ,इंद्रजीत कुमार, रीता यादव ,अमित रमन,ज्योति सिंह अतुल तिवारी ,आशु और अजय कुमार सहित पूरा विद्यालय परिवार उपस्थित था।इसके बाद विद्यालय में एक विचार संगोष्ठी प्राचार्य की उपस्थिति में हुई ।