कल्लूटोला में मना शहीद वीरनारायण सिंह शहादत दिवस
गौरवशाली है गोंड़वाना का इतिहास - एम.डी.ठाकुर
छुरिया:ध्रुव गोंड़ समाज परिक्षेत्र कल्लूटोला के तत्वावधान में ग्राम कल्लूटोला में। गत 20 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीरनारायण सिंह शहादत दिवस धूमधाम से मनाया गया।इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्यअतिथि एम.डी. ठाकुर ने कहा गोंड़वाना का इतिहास गौरवशाली है*।
कार्यक्रम के मुख्यअतिथि केन्द्रीय गोंड़ महासभा धमधागढ़ के अध्यक्ष एम.डी.ठाकुर थे।अध्यक्षता परिक्षेत्र अध्यक्ष रघुवीर सेवता ने किया।विशेष अतिथि अखिल भारतीय ध्रुव गोंड़ महासभा ओड़ारबांध के अध्यक्ष मदन नेताम,तहसील अध्यक्ष शेरसिंह गोंड़िया,ओड़ारबांध गोंड़ महासभा के संचालक रमेश उइके, सहसंचालक राजेश्वर ध्रुर्वे,कोयतुर गोंड़ समाज ब्लाक इकाई छुरिया-डोंगरगढ़ के अध्यक्ष एवं ख्यातिलब्ध साहित्यकार दिनेश कुरेटी दिलेर,महासभा के कोषाध्यक्ष मयाराम मंडलोई,महिला प्रभाग के महासभा अध्यक्ष प्रमिला उइके,उपाध्यक्ष बिसाखा मंडावी,युवा प्रभाग के तहसील अध्यक्ष मोहन कोमरे,छुरिया के पूर्व पार्षद मनभावन उइके,तहसील महामंत्री मनराखन श्याम,धरमूटोला के सरपंच हौसीलाल साहू, परिक्षेत्र अध्यक्षगण दयाराम कौशल पदगुड़ा,पतराखन पडोटी चारभांठा, ईसु वट्टी बंजारी,संचालक गौतम मंडावी,उपाध्यक्ष द्वय नरेन्द्र मंडावी एवं विनायक मंडावी,महामंत्री उद्धव अरकरा,कोषाध्यक्ष धन्नालाल मंडलोई, उपकोषाध्यक्ष ज्ञानेश्वर कोमरे एवं सचिव बलवंत पोर्ते रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ पूजा अर्चना एवं शहीद वीरनारायण सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ पश्चात अतिथियों का पीला चांवल,पीला गमछा,पुष्पमाला एवं बैच से स्वागत किया गया।पूर्व में भव्य शोभायात्रा निकालकर ग्रामभ्रमण किया गया।सभा को संबोधित करते हुए मुख्यअतिथि एमडी ठाकुर ने कहा कि गोंड़वाना का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है।आदिवासी समाज के अनेकों क्रांतिकारी महापुरुषों ने देश एवं समाज के हित में अपनी बलिदान दिये है।आज पूरे देश में बिरसा मुंडा के जन्मदिन को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है जो हमारे जनजाति समाज के लिए गौरव की बात है।जितने भी आदिवासी समाज के वीर एवं वीरांगना शहीद हुए है उनके गौरव गाथा को देश एवं समाज के बीच में रखा जाना चाहिए।इस साल जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के सभी शालाओं में कार्यशाला आयोजित कर जनजाति शहीदों के इतिहास पर प्रकाश डालकर राज्य के विद्यार्थियों को आदिवासी शहीदों के वीरता एवं बलिदान से अवगत कराया गया। हमारे आदिवासी समाज के जितने वीर शहीद हुए हैं उतना शहीद अन्य किसी भी समाज से नहीं हुए हैं। वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी थे। जिन्होंने अपनी प्रजा की भूख मिटाने के लिए धन्ना सेठों का अन्नभंडार लुटा तथा भूखे जनता में बांटा। शहीद वीरनारायण सिंह जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए अंग्रेजों के साथ खूब संघर्ष किया। वीरनारायण सिंह को रायपुर के जयस्तम्भ चौंक में तोप से उड़ाकर उनके शव को एक सप्ताह तक फांसी में लटका कर आम जनता में भय का वातावरण निर्माण करने का काम अंग्रेजों के द्वारा किया गया।श्री ठाकुर ने समाज के लोगों से सभी प्रकार के व्यसनों से दूर रहने तथा शिक्षा को अपने सर्वांगीण विकास के लिए हथियार बनाने का आव्हान किया।
ओड़ारबांध महासभा के अध्यक्ष मदन नेताम ने समाज के लोगों से दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर सामाजिक हित के लिए एकजुट होकर सामाजिक,सांस्कृतिक एवं संवैधानिक लड़ाई में एकजूटता के साथ संघर्ष में सामिल रहने का आव्हान किया।समाज के लोगों से राजनीतिक रूप से भी जागरूक रहने का संदेश दिया।तहसील अध्यक्ष शेरसिंह गोंड़िया ने समाज के शिक्षित एवं बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों से सामाजिक एवं संवैधानिक कार्यक्रमों में सक्रिय सहभागिता निभाने का आव्हान किया तथा अपने शिक्षा का उपयोग सामाजिक लोगों को सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूप से जागरूक करने के लिए करने का आव्हान किया। उच्च स्तर के शिक्षा प्राप्त कर शासन-प्रशासन,न्यायालय एवं मीडिया में काम करने का संदेश दिया।सभा को रमेश उइके,राजेश्वर ध्रुर्वे,प्रमिला उइके, मोहन कोमरे,मनभावन उइके एवं उद्धव अरकरा ने संबोधित कर संवैधानिक संघर्ष में भी सहभागिता निभाने का आव्हान किया तथा सामाजिक व सांस्कृतिक एकता व अखंडता बनाये रखने का संदेश दिया।
स्वागत भाषण रघुवीर सेवता, सफल संचालन एवं आभार प्रदर्शन दिनेश कुरेटी दिलेर एवं उद्धव अरकरा ने किया। समाज के स्कूली छात्राओं ने रंगारंग आदिवासी नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम में समां बांधे रखा। रात्रि में नवा किरण नाच पार्टी भंडारपुर भोथली का रंगारंग नाच कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। वीरमेला में आसपास के व्यापारियों ने विभिन्न प्रकार की दुकान लगाकर कार्यक्रम में सहभागिता निभाया।कार्यक्रम के सफल आयोजन में समाज एवं गांव के लोगों का खास योगदान रहा।इस अवसर पर सामाजिक पदाधिकारी गुमान सिंह नेताम,जगेश्वर उइके,पुष्पा नेताम,उमेश कुंजाम, माधो मंडावी,घनश्याम सिंह कोर्राम,भोलाराम नेताम,अगनू छेदैहा, पवन मंडावी,पूर्व सरपंच उद्धव लाल कौचे, गांव के गणमान्य नागरिक टहलूराम साहू आदि सहित कल्लूटोला परिक्षेत्र के 18 गांव के सर्व समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।