छत्तीसगढ़

राधेलाल के यहां बना मनरेगा से पशु शेड तो पशुओं को मिली छाया

जांजगीर-चांपा राधेलाल के यहां बना पशु शेड मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) की प्रभावशीलता का एक आदर्श उदाहरण है। राधेलाल, जो कि एक छोटे किसान हैं, लंबे समय से अपने पशुओं के लिए एक उचित शेड बनाने की आवश्यकता महसूस कर रहे थे। लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा था। मनरेगा योजना के तहत उन्हें पशु शेड निर्माण के लिए मदद मिली। इस योजना के माध्यम से न केवल राधेलाल को रोजगार मिला, बल्कि उनके गाँव के अन्य लोगों को भी काम के अवसर प्रदान हुए। मनरेगा की सहायता और अपनी मेहनत से उन्होंने एक मजबूत और टिकाऊ पशु शेड का निर्माण किया।

जांजगीर-चांपा जिले के जनपद पंचायत बम्हनीडीह के ग्राम पंचायत कपिस्दा के रहने वाले राधेलाल इस शेड की मदद से उनके पशु अब मौसम की मार से सुरक्षित रहते हैं, लेकिन स्थिति पहले ऐसे नहीं थी, उनके पास पशुओं को रखने के लिए कोई मजबूत पक्का शेड नहीं था, कच्चे घर में रखने और ठंड, बारिश गर्मी के दिनों में उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। एक दिन रोजगार दिवस के माध्यम से उन्हें हितग्राही मूलक कार्य की जानकारी मिलती है फिर वह रोजगार सहायक से आवश्यक जानकारी लेने के बाद अपना प्रस्ताव ग्राम सभा में रखते हैं और तकनीकी सहायक के माध्यम से तकनीकी प्राक्कलन तैयार कर उसे जनपद पंचायत के माध्यम से जिला भेजा जाता है। जिला पंचायत से प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद 90 हजार मंजूर होते हैं, फिर शुरू होता है उनके पशु शेड का कार्य और धीरे-धीरे उनका यह कार्य पूर्ण होता नजर आता है और उनके अरमान एक दिन पूरे हो जाते हैं। फिर वह महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से बने पशु शेड में अपने गायों को रखने लगे और खुशहाली के साथ उनका पालन पोषण कर रहे हैं। पशु शेड निर्माण के बाद हितग्राही को पशु का देखभाल करने में अत्यधिक लाभ हो रहा है। जिससे दूध उत्पादन में वृद्धि हुई और उनकी आय में सुधार हुआ। आज राधेलाल न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हैं, बल्कि अपने गांव में एक प्रेरणा स्रोत भी बन गए हैं।

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