शासकीय विद्यालय नेवसा में आयोजित हुआ देवी अहिल्या बाई होल्कर जयंती समारोह
जनार्दन श्रीवास ने कहा, वीरांगनाओं के जीवन परिचय से सीखकर श्रेष्ठ व्यक्तित्व का विकास होता है
पुण्य श्लोका लोकमाता अहिल्याबाई होलकर न्याय व धर्म की जीती जागती मिसाल थी। उदारता और महानता की प्रतिमूर्ति लोकमाता पुण्य श्लोका अहिल्याबाई होल्कर की 300 वी जयंती का गरिमा में कार्यक्रम एकलव्य शासकीय विद्यालय नेवसा पेंड्रा रोड गौरेला में 7 नवंबर 2024 को,, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के जिला संयोजक व कार्यक्रम के नगर अध्यक्ष एवं मुख्य वक्ता के रूप में मथुरा सोनी, विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम के जिला अध्यक्ष जनार्दन श्रीवास ,एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य कार्तिक सीदार के द्वारा की गई ।विद्यालय प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त स्टाफ के लोग और विद्यालय में अध्ययन 300 छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में यह कार्यक्रम वीणा पाडी मां सरस्वती के पूजन आराधना के साथ विद्यालय की बहन कुमारी कंचन नागेश, प्रतिभा आरमो ,प्रिया मरावी ,अंबिका, रागनी सुमन मरावी प्रियंका, सरस्वती वंदना ,,या कुंदेंदु तुषार यार धवाला,, एवं स्वागत गीत के साथ प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की संचालक दिव्यांशी यादव व ओम नमो उपाध्याय ने सर्वप्रथम विद्यालय के प्राचार्य के साथ अहिल्याबाई होल्कर की तस्वीर में माल्यार्पण कर समस्त अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया ।और इस कार्यक्रम को प्रारंभ करते हुए दिव्यांशॉ यादव ने पहले अंग्रेजी में फिर हिंदी में इसे भारतीय इतिहास का स्वर्णिम पर्व बताते हुए अहिल्याबाई होल्कर की जीवन के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला ।तत्पश्चात मुख्य वक्ता मथुरा सोनी ने अपने उद्बोधन में पुण्य श्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर को नमन करते हुए उनका जीवन परिचय दिया और बताया, कि विपरीत परिस्थितियों में जीवन जीने की उनकी कला ,उनकी प्रशासनिक दक्षता और हर समस्याओं के समाधान की शैली पर अपने विचार रखें ।इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण पर उन्होंने जो कार्य किए और पूरे देश के अंदर मंदिरों का जीणोद्धार कराकर नया स्वरूप प्रदान करवाते हुए अनेक उपलब्धिपूर्ण व उल्लेखनीय कार्यों पर विस्तार से बताया। तत्पश्चात जनार्दन श्रीवास जी ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर का जीवन के अनेक पहलू पर परिचय देते हुए राष्ट्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों को बताया। जिसमें मुख्य रूप से जन समस्याओं के समाधान के लिए जन सुनवाई कार्यक्रम, विधवा महिलाओं को उनके संपत्ति में अधिकार देना, सड़कों का निर्माण व सड़क के दोनों और वृक्षारोपण करना ,शस्त्र बल प्रयोग की बजाय दुनिया को जीतने के लिए धर्म व प्रेम का मार्ग अपनाकर जो कार्य अहिल्याबाई होल्कर ने किया वह सारे कार्य आज भी प्रासंगिक है। इसके बाद विद्यालय के प्राचार्य कार्तिक सिदार अपने उद्बोधन में स्पष्ट किया की महापुरुषों, वीरों ,और वीरांगनाओं, के जीवन चरित्र के कार्यक्रम से विद्यालय के छात्र-छात्राओं को जानने समझने और सीखने का सुंदर अवसर मिलता है। लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन परिचय पर उन्होंने कहा कि राष्ट्र के लिए श्रेष्ठ नागरिक निर्माण में ऐसे कार्यक्रम बहुत उपयोगी है। इसके पश्चात विद्यालय प्रांगण में ही एक संगोष्ठी का आयोजन अहिल्याबाई होल्कर की 300 वी
जयंती पर किया गया ।जिसमें सिदरजी, सुरेश यादव ,विशाल शाह ईशा त्रिपाठी, नीतीश निराला, कोमल रानी, सोनिया देवी ,मोहम्मद कामरान ,आशीष पांडे ,लखपत ,अनीता जी ,योगेश कुमार ,शिवानी रावत, दिव्या, हरित वाल,गणेश कुमार, आकाश भारत कार्की ,विधु कुमारी, वीरेंद्र कुमार रानी कुमारी, सचिन व सभी अतिथियों ने सम्मिलित होकर संगोष्ठी में चर्चा की,और सभा ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम को देखकर और समझ कर विद्यालय के दूर-दूर से आए हुए छात्र-छात्रा भी बहुत प्रभावित हुए।