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छत्तीसगढ़ में सीमेंट की कीमतों में भारी वृद्धि: कोंडागांव कांग्रेस ने लगाया भाजपा सरकार पर कमीशनखोरी का गंभीर आरोप

कोंडागांव, 11 सितंबर 2024: छत्तीसगढ़ में सीमेंट की कीमतों में अचानक 50 रुपये प्रति बोरा की वृद्धि से जनता में आक्रोश फैल गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी ने जिला कांग्रेस कमेटी जिला अध्यक्ष झुम्मुक लाल दीवान के नेतृत्व में कोंडागांव कांग्रेस भवन में प्रेसवार्ता आयोजित कर कहा है कि यह वृद्धि भाजपा सरकार की कमीशनखोरी और मुनाफाखोरी का प्रमाण है। कांग्रेस ने सरकार पर सीमेंट के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल जैसे कि लाइमस्टोन, कोयला, और बिजली के महंगे दामों का आरोप लगाया है, जिनका इस्तेमाल जनता को महंगे दामों पर सीमेंट खरीदने के लिए मजबूर कर रहा है।

छत्तीसगढ़, जो सीमेंट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, यहां हर महीने 30 लाख टन से अधिक सीमेंट का उत्पादन होता है। कांग्रेस ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार पहले ही सीमेंट पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाकर जनता पर बोझ डाल चुकी है और अब राज्य सरकार की सरंक्षण में सीमेंट की कीमतों में अचानक वृद्धि की जा रही है, जो जनता के साथ अन्याय है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के समय में भवन निर्माण सामग्रियों की कीमतें बेतहाशा बढ़ गई हैं। रेत के दाम पिछले नौ महीनों में चार गुना और स्टील की कीमतें दुगना हो गई हैं। अब सीमेंट की कीमतों में वृद्धि से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के घर बनाने के सपनों पर असर पड़ेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना भी प्रभावित होगी।

साथ ही, कांग्रेस ने कहा कि सीमेंट की कीमतों में वृद्धि से सरकारी और निजी निर्माण प्रोजेक्ट्स की लागत बढ़ जाएगी, जो पुल-पुलिया, बांध, और सड़क निर्माण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को प्रभावित करेगा। रियल एस्टेट सेक्टर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे लाखों लोगों की नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान सीमेंट, स्टील, और रेत की कीमतों पर नियंत्रण था, जबकि भाजपा सरकार के समय में इन कंपनियों को निरंकुश छोड़ दिया गया है। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि क्रूड ऑयल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में कमी के बावजूद डीजल और पेट्रोल के दाम दोगुने हो गए हैं और बिजली बिल भी दोगुना हो गया है।

कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि सीमेंट पर 50 रुपये प्रति बोरी की मूल्य वृद्धि वापस ली जाए और इसे आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कमोडिटी की सूची में शामिल किया जाए।

प्रेसवार्ता के दौरान कोंडागांव जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मातलाम मुख्यरूप से उपस्थित रहे।

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