कोरबा 26 अगस्त को आवास नहीं होने की बात कहकर सुदूरवर्ती क्षेत्रों के अस्पतालों में समय पर उपस्थित नहीं होने वाले और लंबी दूरी से आना जाना करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का यह बहाना आने वाले समय में नहीं चलेगा। जिला प्रशासन द्वारा जिले की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में भवनविहीन विद्यालयों के लिए भवन स्वीकृत करने तथा शिक्षकों की व्यवस्था किए जाने के बाद अब स्वास्थ्य सुविधाओं पर फोकस किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर कलेक्टर अजीत वसंत ने जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाया है। उन्होंने दूरस्थ क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आवास बनाने की स्वीकृति प्रदान की है। प्रारंभिक चरण में कुल 18 स्थानों पर आवास निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके लिए लगभग नौ करोड़ की राशि का स्टीमेट तैयार किया गया है। जल्दी ही आवास निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी। आवास बनने के पश्चात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सेवा देने वाले चिकित्सकीय कर्मियों को आवास की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।
कलेक्टर अजीत वसंत ने कोरबा जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए विगत कई महीनों से विभागीय समीक्षा की। उनके समक्ष प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ चिकित्सकों सहित अन्य के लिए आवास व्यवस्था नहीं होने की बात सामने आने पर उन्होंने आरईएस और लोक निर्माण विभाग के माध्यम से प्राक्कलन तैयार कराएं। पीडब्ल्यूडी द्वारा प्रति आवास 48.71 लाख रूपये की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केद्र लाफा, सपलवा, कोरबी, सिरमिना, लालपुर और माचाडोली का प्राक्कलन तैयार किया गया है। इसी तरह ग्रामीण सेवा यांत्रिकी सेवा संभाग द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भैसमा में आवासीय निर्माण हेतु 49.90 लाख की रूपये का प्राक्कलन तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुदमुरा, तिलकेजा, कोरकोमा, करतला ब्लॉक के चिकनीपाली, सरगबुंदिया, कटघोरा ब्लॉक के चाकाबुड़ा, पाली विकासखण्ड के चैतमा, पोड़ी उपरोड़ा क्षेत्र के तुमान, कटोरीनगोई, पिपरिया, महोरा में प्रति आवास 49.41 लाख रूपये का प्राक्कलन तैयार किया गया है। आवास का निर्माण जिला खनिज संस्थान न्यास के माध्यम से किया जाएगा। सीएमएचओ डॉ एस एन केशरी ने बताया कि चिकित्सक सहित अन्य स्टॉफ के ठहरने के लिए आवास की व्यवस्था की जा रही है। उल्लेखनीय है कि जिले के जिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आवास निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है, उसमें से अधिकांश दूरस्थ क्षेत्र के पीएचसी है। स्वास्थ्य केंद्र के नजदीक ही आवास उपलब्ध होने पर चिकित्सकों को वहां निवास करने में कोई समस्या नहीं आयेगी, वहीं चिकित्सकों के निवास करने से अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं और भी बेहतर बनेगी।
पसान, मोरगा और श्यांग में एंबुलेंस की सुविधा
जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में स्थित मोरगा और पसान तथा कोरबा ब्लॉक के श्यांग, शहर मुख्यालय से काफी दूर और सीमावर्ती क्षेत्रों में आते हैं। इन क्षेत्रों में लंबे समय से स्वास्थ्य केंद्र में आपात स्थिति से निपटने के लिए एम्बुलेंस की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। कलेक्टर वंसत द्वारा इन स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया गया था। इस दौरान ग्रामीणों सहित स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों ने गंभीर मरीजों को रिफर करने के लिए एम्बुलेंस की आवश्यकता बताई थी। कलेक्टर ने इस संबध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस एन केशरी को निर्देश भी दिए थे। पसान, मोरगा और श्यांग के पीएचसी में एम्बुलेंस प्रदान कर दी गई है। अब आपात स्थिति में गंभीर मरीज को सुविधायुक्त स्वास्थ्य केंद्र में रिफर किया जा सकता है।