आपको बाता दे की हमारे संवाददाता राकेश कुमार साहू को जब मामूली चोट आई थी, जिसकी सड़क दुर्घटना में घायल अवस्था में जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नरियारा में इलाज करने के लिए ले जाया गया तो वहां पर डॉक्टर नहीं था ना स्टाफ था, था तो केवल एक चौकीदारी के द्वारा कार्य संपादित होते हुए नाजर आए
जबकि वर्तमान समय में भारत निर्वाचन आयोग एवं छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग के आदेश अनुसार शिक्षा स्वास्थ्य बिजली घरेलू गैस पेट्रोल पंपों को एवं अन्य आवश्यक सेवा के अधिनियम लाया गया है जिसमें की मीडिया कर्मी भी शामिल है।
रिपोटर राकेश शाहु के जुबानी
जब दुर्घटना हुई और इलाज के लिए जब डॉक्टर के पास अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए जाना पड़ा तो वहां पर डॉक्टर ही नहीं था।
मगर नरियारा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जा कर जानकारी लिया तो बताया की यहां डॉक्टर की हमेशा अभाव बनी रहती है यहां तक के, की आयुर्वैदिक हॉस्पिटल की डॉक्टर भी लेट से आना-जाना करके ड्यूटी करते हैं आगामी समय में नरियारा नगर पंचायत की श्रेणी में आ चुका है जहां पर की डॉक्टर की व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं है 24 घंटे के लिए ऐसी स्थिति में मरिज परेशान होकर बिलासपुर के लिए अन्यत्र जाना पड़ता है।
आम नागरिक को बाहर की डॉक्टर के पास में जाना पड़ता है या फिर डॉक्टर के निजी क्लीनिक में ट्रीटमेंट के लिए जाना पड़ता है मगर हॉस्पिटल बंद रहता है।