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सर्व आदिवासी समाज ने आश्रम में हुए मौत की न्यायिक जांच और 50 लाख मुआवजे की माँग

क्षेत्र के सभी आवासीय विद्यालय को पक्के मकानों में शिफ्ट करने की मांग

छत्तीसगढ़ बीजापुर :– पोटा केबिन(आवासीय विद्यालय)में मासूम बच्ची के मौत के मामले में गुरुवार को सर्व आदिवासी समाज के दस सदस्यीय दल ने आवापल्ली पहुंच कर मौके का जायजा लिया। आज प्रेसवार्ता कर सर्व आदिवासी समाज ने आरोप लगाया कि पोटा केबिन में फैली अव्यवस्था और लापरवाही के चलते बच्ची की जान गई है।अध्यक्ष जग्गू राम तेलामी ने बताया कि 20 साल पुराने बांस के बने आवासीय विद्यालय में व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नही है। छात्रों और शिक्षकों ने हमे बताया कि मृत मासूम लिप्सा उईका अपनी बुआ के साथ रह रही थी जो कक्षा 9 वी की छात्रा है, बुधवार रात बच्ची की मौत हुई अगले दिन उसके पिता लेने आने वाले थे।

जग्गूराम तेलामी ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि जांच दल ने पाया की छात्रावास अधीक्षिका आग लगने की घटना के दौरान पोटा केबिन में मौजूद नहीं थी। कमरों में एक बिस्तर में दो से तीन छात्राएं सोया करती थी। कमरे में रात में रहने वाली चौकीदार भी वहां मौजूद रहे। आगे अध्यक्ष जग्गूराम तेलामी ने आरोप लगाया कि प्रबंधकीय व्यवस्था के लिए प्रतिनियुक्ति पर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है लेकिन अध्यापन के लिए गैर प्रशिक्षित अनुदेशक की अस्थाई भर्ती की गई है,लगभग यही स्थिति पूरे जिले की है,ये कहाँ का न्याय है छात्रों के साथ।इस दौरान सर्व आदिवासी समाज से कमलेश पैंकरा, सालिक नागवंशी,सीताराम मांझी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

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