जिला कोरबा कलेक्टर ने ली स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी की मासिक समीक्षा बैठक, कहा शत-प्रतिशत प्रसव संस्थागत कराया जाए, गृह प्रसव शून्य होना चाहिए
छत्तीसगढ़ कोरबा :– कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्याे की मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एन.केशरी, समस्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी, मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विशेषज्ञ, आयुष विभाग के अधिकारी, डी.पी.एम.,समस्त खण्ड चिकित्सा अधिकारी, ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर तथा अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी के द्वारा जिले के स्वास्थ्य विभाग की संरचना, स्वास्थ्य संस्थाओं (शहरी/ग्रामीण), मानव संसाधन, भवन तथा समस्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लक्ष्य तथा उपलब्धि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी स्वास्थ्य संस्थाओं से चिकित्सकों तथा कर्मचारियों की कर्तव्य निर्वहन में किसी प्रकार की शिकायत नहीं आनी चाहिए। सभी स्वास्थ्य अधिकारी इसका विशेष ध्यान रखें। सभी चिकित्सक तथा कर्मचारी मरीजों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें। सभी अधिकारी-कर्मचारी समय पर अपने कार्य पर उपस्थित रहकर अपने कर्तव्यों का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन करें। समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने जिला स्तर पर दो समिति गठित करने की बात कही। जिसके अंतर्गत पहली समिति एचआर एसेसमेंट व दूसरी समिति भवन व एक्यूपमेंट एसेसमेंट के लिए जवाबदेही रहेगी। आवश्यकता से अधिक विशेषज्ञों की उपलब्धता वाले स्वास्थ्य केन्द्रों से उन्हें आवश्यता वाले सीएचसी में नियुक्त करने की बात कही। उन्होंने जिले में एनेस्थेटिक्स उपलब्धता की जानकारी लेते हुए कहा कि सभी सी.एच.सी. में एनेस्थिसिया के डॉक्टर की नियुक्ति होना चाहिए, एनेस्थेटिक्स की कमी से सीजेरियन आपरेशन रूकना नहीं चाहिए। इस हेतु डी.एम.एफ मद से चिकित्सक की नियुक्ति एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की आवश्यकता का भी आंकलन कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए कहा। उन्होंने जर्जर भवन तथा भवन विहिन स्वास्थ्य संस्थाओं के संबंध में जानकारी लेकर डी.एम.एफ से जर्जर भवन की मरम्मत तथा नवीन भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय पोषण पुनर्वास केन्द्र की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि जिले के सभी एनआरसी में बेड आक्युपेसी अधिकतम होना चाहिए। सभी एन.आर.सी. में फीडिंग डिमास्ट्रेटर की पदस्थापना करने एवं रिक्त पदों पर भर्ती के लिए प्रस्ताव भेजने के लिए कहा। उन्होंने भर्ती बच्चे के परिजन तथा उन्हे लाने वाले आंगनबाडी कार्यकर्ता, मितानिन को प्रोत्साहन राशि शीघ्रता से प्रदान करने एवं सभी बीएमओ को नियमित रूप से एनआरसी की विजिट करने के निर्देश दिए। मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने शत प्रतिशत प्रसव संस्थागत कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि जिले के किसी भी विकासखंड में गृह प्रसव नहीं होना चाहिए। सभी अधिकारी इसका विशेष ध्यान रखें। साथ ही हाईरिस्क गर्भवती माताओं का विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए। सभी सीएचसी तथा पीएचसी में मरीजों को मानक अनुसार भोजन उपलब्ध कराना अनिवार्य है। साथ ही समस्त सीएचसी में नाईट सी सेक्सन बढ़ाने एवं अनावश्यक रेफर नहीं करने की बात कही। मातृ मृत्यु की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार कर शिशु एवं माता की जान बचाई जा सकती है। इस हेतु सभी स्वास्थ्य अधिकारी शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए विशेष प्रयास करें। टीकाकरण की समीक्षा के दौरान उन्होने प्रसव के विरूद्व शतप्रतिशत पूर्ण टीकाकरण करने की बात कही। क्षय नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान उन्होने टीबी मुक्त पंचायत के सभी मापदंड, निक्षय पोषण में दी जाने वाली राशि, निक्षय मित्र तथा टीबी.मरीज के फॉलोअप के बारे में जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए।
कुष्ठ कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कुष्ठ कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु प्रभावी कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कुष्ठ के जी 2 डी के केस के अंतर्गत पूरे गॉव का सर्वे कराने तथा पूरे मोहल्ले को प्रोफाईलेक्सिस डोज देने के निर्देश दिए। इस हेतु संबंधित जनपदो से सहयोग लेने की बात कही। कुष्ठ और टीबी कार्यक्रमों को ग्राम सभा के एजेंडा में शामिल करने एवं उक्त विषयों पर जानकारी देने हेतु कर्मचारी की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए। डेंटल हेल्थ की समीक्षा के दौरान उन्होने कहा कि समस्त सी.एच.सी. में डेंटल सर्जन की नियुक्ति के लिए फाईल प्रस्तुत करें। कायाकल्प के संबंध में उन्होने कहा कि पुरस्कृत सीएचसी, पीएचसी, एसएचसी अपना स्टैडर्ड बनाए रखें। पीसीपीएनडीटी की जानकारी लेते हुए उन्होने निर्देशित किया कि किसी भी निजी नर्सिग होम/सोनोग्राफी सेंटर से लिंग परीक्षण की शिकायत नहीं आनी चाहिए। शिकायत प्राप्त होने पर तुरंत जॉंच कर संबंधित नर्सिंग होम/सोनोग्राफी सेंटर पर तत्काल कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया। आयुष्मान भारत अभियान की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने शतप्रतिशत लोगो का आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु बीएमओ को संबंधित एसडीएम से समन्वय कर ग्रामों में शिविरों का आयोजन कराने के निर्देश दिए। इस हेतु जनपद पंचायतों के कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारित करने की बात कही। आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु कर्मचारी का शिविर में उपस्थित होना जरूरी है। आधार अपडेशन के बाद आयुष्मान कार्ड बनाना है। निजी हॉस्पिटल आयुष्मान कार्ड बुक करने से मना नहीं कर सकते। शिकायत मिलने पर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने विशेष रूप से कमजोर पिछड़ी जनजाति समूहांे का शतप्रतिशत आयुष्मान कार्ड, सिकलिग जॉच, टी.बी.जॉंच कर उन्हें लाभांवित करने के निर्देश दिए एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को इस कार्य की नियमित मॉनिटरिंग करने हेतु निर्देशित किया।