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दमोह पुलिस ने बैंक में हुई 41 लाख की लूट काकिया खुलासा, तीन आरोपी गिरफ्तार

कर्ज चुकाने के लिए बैंक कर्मी ने दोस्तों के साथ मिलकर दिया था वारदात को अंजाम,पुलिस ने बैंक से लूटी हुई रकम आरोपियों के पास से बरामद की

भोपाल, 15 मई 2024 को मध्यप्रदेश पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आपराधिक तत्वों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में दमोह पुलिस ने थाना मगरोन के अंतर्गत फतेहपुर के मध्यांचल ग्रामीण बैंक में हुई 41 लाख रुपये से अधिक की लूट का चंद घंटों में ही खुलासा कर दिया है। साथ ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे रकम भी बरामद कर ली है। दमोह पुलिस ने आरोपियों से घटना में प्रयुक्त मोटर साइकिल, कट्टा, मोबाइल और बैंक से लूटी हुई कुल रकम 41,23,327 रुपये जब्त किए हैं। थाना मगरोन में अपराध धारा 394 भादवि का मामला दर्ज किया गया। आरोपियों में फतेहपुर निवासी रोहित पिता हरिनारायण विश्वकर्मा (25 वर्ष), पिपरिया घनश्याम निवासी दुर्गेश उर्फ कमलेश पिता कल्लू काछी (25 वर्ष) और फतेहपुर निवासी देवी उर्फ दिव्वल पिता लोटन काछी (23 वर्ष) शामिल हैं।

14 मई 2024 को शाम 8 बजे फतेहपुर चौकी पहुंचे शाखा प्रबंधक

दरअसल, बैंक के शाखा प्रबंधक कपिल रैकवार 14 मई 2024 को शाम 8 बजे फतेहपुर चौकी पहुंचे। उन्होंने पुलिस को बताया कि शाम करीब 7 बजकर 45 मिनट पर वह अपने बैंक के साथी हरिनारायण विश्वकर्मा के साथ देहात स्थल का निरीक्षण कर बैंक पहुंचे तो बैंक के संदेश वाहक रोहित विश्वकर्मा ने उन्हें लूट की जानकारी दी। रोहित ने प्रबंधक को बताया कि कुछ बदमाश मुंह पर कपड़ा बांध कर आये थे और मुझे कट्‌टा दिखाकर मेरे साथ मारपीट की। वे बैग से चाबी निकाल कर तिजोरी (सेफ) में रखी बैंक की कुल रकम 41,23,327 रुपये लूट कर ले गए।

शाखा प्रबंधक की शिकायत पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। सागर जोन के आईजी प्रमोद वर्मा, सागर रेंज के डीआईजी सुनील जैन और एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी के मार्गदर्शन में तत्काल टीम गठित कर जांच-पड़ताल शुरू की गई। दमोह में नाकाबंदी कर बैंककर्मियों से पूछताछ की गई। जांच के दौरान संदेशवाहक रोहित के कथनों और प्राप्त साक्ष्यों में विरोधाभास पाया गया। कई घंटों की पूछताछ के बाद रोहित ने अपने दोस्तों दुर्गेश और देवी के साथ मिलकर घटना को अंजाम देना स्वीकार किया।

आरोपी ने किया अपना जुर्म स्वीकार,बताया कर्ज से था परेशान

रोहित ने पुलिस को बताया कि उसके ऊपर बहुत कर्ज था, जिसको चुकाने के लिये उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर लूट की योजना बनाई। वह इस फिराक में था कि अधिक से अधिक रकम निकाली जा सके। उसने यह भी स्वीकार किया कि उसे आई चोट भी स्वयं द्वारा कारित की गई है।पुलिस द्वारा गठित टीम में दमोह के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा, पथरिया के एसडीओपी रघु केशरी, हटा के एसडीओपी नीतेश पटेल और पुलिस अधीक्षक कार्यालय की सायबर टीम, फोटोग्राफी और फोरेंसिक टीम शामिल थीं।

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